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वीआईपी कोटे से दिव्यांग कर सकेंगे महाकाल की भस्मआरती
विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी श्री महाकालेश्वर मन्दिर में भगवान महाकाल की भस्म आरती अब दिव्यांग भी वीआईपी कोटे से कर सकेंगे।
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी श्री महाकालेश्वर मन्दिर में भगवान महाकाल की भस्म आरती अब दिव्यांग भी वीआईपी कोटे से कर सकेंगे। यह व्यवस्था मकरसंक्रांति से ही प्रारंभ हो जाएगी। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के साथ कई श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल होते हैं।
मन्दिर में दिव्यांग श्रद्धालुओं को सुविधा
महाकाल मन्दिर में दिव्यांग श्रद्धालुओं को सुविधा देने हेतु दिव्यांग फ्रेंडली अवार्ड भी मिल चुका है। कलेक्टर शशांक मिश्र ने महाकाल मंरि प्रशासक को निर्देश दिये हैं कि मकर संक्रान्ति पर्व से भगवान महाकाल की भस्म आरती में दिव्यांगजनों को विशेष अनुमति दी जाये। प्रशासक ने बताया कि मकर संक्रान्ति पर्व से दिव्यांगजनों को वीआईपी कोटे में भस्म आरती की अनुमति दी जायेगी। दिव्यांगों की भस्म आरती की परमिशन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक वीआईपी काउंटर पर अनुमति प्रदान की जायेगी। उल्लेखनीय है कि 20 दिव्यांगों तथा इनके साथ 20 अटेंडर को भस्म आरती की वीआईपी कोटे से परमिशन दी जायेगी। दिव्यांगजन भस्म आरती की परमिशन के दौरान उन्हें अपना विकलांगता का मेडिकल बोर्ड का जारी किया गया प्रमाण-पत्र तथा उनके साथ परिवार के अटेंडर या सहायक का परिचय-पत्र उपलब्ध कराया जाना आवश्यक होगा। भस्म आरती में ऑनलाइन 800 तथा ऑफलाइन 450 के लगभग प्रतिदिन श्रद्धालुओं की परमिशन दी जाती है। आफलाइन-ऑनलाइन परमिशन भी दिव्यांगजनों के लिये उपलब्ध रहेगी।\
सहज दर्शन के लिए तैनात किए अधिकारी
हाकालेश्वर मन्दिर में मकर संक्रान्ति पर्व पर भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिये अत्यधिक संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के सुलभ दर्शन के लिये व्यवस्थाओं में बदलाव कर दिया गया है। अधिकारियों की तैनाती करते हुए निर्देश दिए गए हैं कि वह नन्दी हाल और गणेश मण्डपम में उपस्थित रहकर आगन्तुक श्रद्धालुओं की सरल, सुलभ दर्शन व्यवस्था देखेंगे। साथ ही गर्भगृह द्वार के संमुख पंडे, पुजारी, आगन्तुक अतिथि और कर्मचारी अनावश्यक खड़े नहीं होने देंगे।